भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई पहल: “Digital Swaraj Mission” और AI की बढ़ती भूमिका

प्रस्तावना

भारत में टेक्नोलॉजी सिर्फ एक उद्योग नहीं रह गया है — ये अब नीति, सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक बदलाव का जरिया बन गया है। हाल ही में, “Digital Swaraj Mission” के जरिए भारत ने एक ऐसी राह चुनी है जो देश को विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता से मुक्त कर सके। साथ ही, जनरल सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है।

क्या है “Digital Swaraj Mission”?

Global Trade Research Initiative (GTRI) ने सुझाव दिया है कि भारत को 2030 तक खुद की क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेटिंग सिस्टम, साइबर सुरक्षा और AI क्षमताएँ तैयार करने की ज़रूरत है।

इस मिशन के प्रमुख बिंदु हैं:

  • देश के डेटा सेंटर, ऑपरेटिंग सिस्टम और AI प्लेटफ़ॉर्म को घरेलू स्तर पर विकसित करना।
  • सुरक्षा (security) और गोपनीयता (privacy) को ध्यान में रखते हुए टेक्नोलॉजी डेवलप करना ताकि विदेशी नियंत्रण या डेटा लीक की समस्याएँ कम हों।
  • टेक कंपनियों, सरकारी विभागों और स्टार्टअप्स के बीच साझेदारी बढ़ाना ताकि इनोवेशन को बढ़ावा मिले।

AI और Upskilling: इंजीनियरों पर असर

एक हालिया रिपोर्ट में पाया गया है कि भारत में लगभग 67% इंजीनियर यह मानते हैं कि उनके काम के तरीके बदल रहे हैं क्योंकि AI कई पुराने tasks को ऑटोमेट कर रहा है।

  • 85% इंजीनियरों ने उन्नयन (upskilling) की दिशा में कदम उठाया है। उन्होंने AI, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और अन्य आधुनिक तकनीकों में खुद को अपडेट कर रहे हैं।
  • इस बदलाव से यह स्पष्ट है कि भविष्य में टेक्नोलॉजी रोल सिर्फ कोडिंग या हार्डवेयर से नहीं बल्कि AI इंटीग्रेशन, डेटा विश्लेषण, एथिकल AI डिज़ाइन आदि से होगा।

राज्य सरकारों की भागीदारी — ऑडिशा और केरल की नई पहलें

  • ऑडिशा सरकार ने घोषणा की है कि वो AI टूल्स को अपने प्रशासन में शामिल करेगी ताकि सरकारी सेवाएं (public administration) ज्यादा पारदर्शी, त्वरित और कुशल हों।
  • केरल में “K-AI Initiative: AI for Governance” नाम की योजना शुरू हुई है जहाँ स्टार्टअप्स, शोधकर्ता और तकनीकी पेशेवर मिलकर हेल्थ, एजुकेशन, कृषि आदि विभागों के लिए AI‐सॉल्यूशंस विकसित कर रहे हैं।

चुनौतियाँ और संभावनाएँ (Challenges & Opportunities)

चुनौतीसंभावनाएँ
घरेलू टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के लिए निवेश की कमीयदि निवेश और सरकारी समर्थन बढ़े तो स्वदेशी IP तथा deep tech startups आगे बढ़ेंगे
प्रशिक्षण (training)/उन्नयन (upskilling) में असमानताऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और खुले पाठ्यक्रम (MOOCs) से यह अंतर कम किया जा सकता है
डेटा सुरक्षा और AI में एथिक्सबेहतर नियमन (regulation), एथिकल फ्रेमवर्क और पारदर्शिता से विश्वसनीयता बढ़ेगी

निष्कर्ष

“Digital Swaraj Mission” और AI की बढ़ती भूमिका बताते हैं कि भारत अब तकनीकी आत्मनिर्भरता की तरफ़ मजबूती से बढ़ रहा है।

  • इंजीनियरों को नए कौशल सीखने होंगे,
  • सरकारों एवं उद्योगों को मिलकर टेक्नोलॉजी की नींव मजबूत करनी होगी,
  • और जनता को यह समझना होगा कि इन बदलावों से होने वाले लाभ सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन के भी होंगे।
Scroll to Top